Shardiya Navaratri: एक ही दिन अष्टमी-नवमी, जानें कन्या पूजन का सही मुहूर्त

देवघर के ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने बताया कि नवरात्रि के अष्टमी और नवमी तिथि पर कुंवारी कन्या का पूजन अत्यंत शुभ माना जाता है। हालांकि, इस वर्ष अष्टमी और नवमी के संबंध में कुछ असमंजस बना हुआ है।

देवघर: नवरात्रि में कन्या पूजन का विशेष महत्व है। अनेक भक्त पूरे नवरात्रि व्रत रखकर माता दुर्गा की आराधना करते हैं और प्रतिदिन कन्या पूजन करते हैं। ऐसा माना जाता है कि कन्या पूजन से माता दुर्गा प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है। कन्याओं को माता दुर्गा का स्वरूप माना जाता है, इसलिए नवरात्रि में उनका पूजन अत्यंत महत्वपूर्ण है। आइए जानते हैं कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त क्या है….

क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य: देवघर के बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने लोकल 18 के संवाददाता से बातचीत में बताया कि 3 अक्टूबर से नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। इन नौ दिनों में माता दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। कई भक्त इस दौरान हर दिन कुंवारी कन्याओं का पूजन भी करते हैं। कन्या पूजन से सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं और माता दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। जो भक्त प्रतिदिन कन्या पूजन नहीं कर सकते, उन्हें नवरात्रि की अष्टमी या नवमी तिथि को नौ कन्याओं का पूजन अवश्य करना चाहिए।

  • शुभ मुहूर्त क्या है: ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि इस साल नवरात्रि में अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर कुछ असमंजस है। अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर को दोपहर 12:23 बजे से शुरू होकर 11 अक्टूबर सुबह 06:52 बजे तक रहेगी। वहीं, नवमी तिथि 11 अक्टूबर सुबह 06:52 बजे से प्रारंभ होकर 12 अक्टूबर सुबह 05:12 बजे तक चलेगी। ऋषिकेश पंचांग के अनुसार, अष्टमी का व्रत 11 अक्टूबर को रखा जाना चाहिए। इस दिन सुबह 06:52 बजे के बाद हवन और पूजन कर सकते हैं, जबकि कन्या पूजन का सही समय 09 बजे से 10 बजे के बीच है। इस अवसर पर कन्याओं को पान अवश्य खिलाना चाहिए।

कुंवारी कन्याओं को विदाई ऐसे दे: ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि कन्या पूजन के बाद कुंवारी कन्याओं को विदा करते समय कुछ विशेष ध्यान रखना चाहिए। पूजन के बाद सभी कन्याओं को पान खिलाएं, इसके बाद फल और दक्षिणा दें। उन्हें श्रृंगार का सम्मान देते हुए लाल चुनरी अर्पित करें। ऐसा करने से माता दुर्गा प्रसन्न होती हैं और जातक के जीवन में सुख-समृद्धि आती है, साथ ही घर से नकारात्मक शक्तियाँ समाप्त हो जाती हैं।

 

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